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इंसानी फितरत

हर कदम पर
इंसान के
बदलते रंग देख,
गिरगिट ने
रंग का
बदलना छोड़ा l
आदमी का
जहरीलापन
साँपो ने भाँप कर
जहर से
मौत की तासीर
को मोड़ा l
गनीमत है
आदमी ने गाली में
कुत्ता कहा
कुत्तों ने सुना
फिर भी
बुरा मानकर
नहीं जागे l
इसीलिये
आज भी
स्वामिभक्ति में
ये नस्ल रहती
सदा आगे l

मर जाने से क्या होगा

इसलिए मैं मौन हूँ