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गौ माता..

गौ माता को छोड़ सड़क तू,
बेफिक्री से जीता है l
वह भूखी प्यासी भटक रही,
गौमूत्र तू जिसका पीता है l
दूध मलाई छाना फूका,
छोड़ दिया जब चरने को l
सड़क में पागुर करती गौ माँ,
ताक रही कट  मरने को l
राही वाहन सम्हल के निकलें,
माता से मत टकराना l
भले तुम्हारी अंग भंग हो,
सर फूटे या ,मर जाना l  
कल कोई अफ़सोस न होगा,
न ही खबर बने कोई l
पशुओं के मालिक यूँ चुप हैं,
जैसे  मानवता खोई l
कभी तुम्हारे बेटे के संग ,
सड़क हादसा हो जायेगा l
तभी तुम्हारे बंद अकल का,
दरवाजा खुल जायेगा l
इसीलिये हे पशुपालक,
तुम गौ माता का मान करो l
घर में ही तुम करो हिफाजत,
पशुओं का सम्मान करो l

कोरोना पर शिवजी ..

आग हूँ मै..