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मर जाने से क्या होगा

मुश्किल कोई आये तब
घबराने से क्या होगा
खोजो कोई जुगत बड़ी
मर जाने से क्या होगा

मरना तो है हार बड़ी
इस जीवन को खोना है,
अवसर तो जीवन ही है
पछतावा तो रोना है l

वक्त चले उल्टा सीधा
मन भटकाने से क्या होगा,
वीर सदा लड़ते ही हैँ
मर जाने से क्या होगा l

यही वक्त है रण में आओ
खुद को तुम सिद्ध करो,
संयम और विवेकी बन
बुरी सोच अवरुद्ध करो l

तुम उबरोगे घर सुधरेगा
सब कुछ शुभ ही होगा,
सोच बदल देख लो भाई
मर जाने से क्या होगा l

कलम का जख्म

इंसानी फितरत