तेरे वर्णाश्रम की वर्णमाला
विचित्र व्यवस्था है ,
हर वर्ण अंग से जुड़ी
धार्मिक अवस्था है l
मानव जन्म प्रक्रिया छेड़
मनु ने खेल कर दिया,
वर्णानुसार एनाटॉमी-फिजयालोजी
को फेल कर दिया l
जनन प्रक्रिया ब्राह्मण को मुख से
क्षत्रिय को छाती से जना दिया,
बाणिक को पेट एवं
शूद्र को कमर के नीचे का
प्रावधान बना दिया l
मनु जी ने सोचा भी न था कि
वर्णानुसार जननी मुकर जायेगी
सभी शूद्र जन्म ही स्वीकारेंगे
मनु की व्यवस्था बिखर जायेगी