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सोचा ..विश्वगुरु बन जाऊं

सोचा ,विश्व गुरु बन जाऊं ,
लाखों के मैं सूट पहन कर,
चश्मा टोपी बूट पहन कर ,
फोटो शूट कराऊँ l
जंगल में मंगल करदेता ,
बुद्ध की धरती का मै नेता ,
चौथी पास कहे हैं मुझको ,
प्रबन्ध गुरु बन छाऊं l
सोचा ,विश्व गुरु बन जाऊं ….

विश्व गुरु बनने की खातिर ,
नहीं जरुरी शिक्षा ,
चाय बनाया बेचा सबकुछ ,
बर्षो मांगी भिक्षा ,
नाली से मैं गैस बनाकर ,
ए प्लस बी के स्क्वायर से ,
अलग विलक्षण लाऊँ l
अभिलाषा पूरी करने को ,
फ़ोटो खूब खिचाऊं l
सोचा ,विश्व गुरु बन जाऊं ….

शिक्षा रोजी अर्थव्यवस्था ,
देश कि होवे हालत खस्ता ,
मै तो करके हिन्दू मुस्लिम ,
अपनी जुगत भिड़ाऊं ,
जुमले बाजी ,तिकड़म में मैं ,
अपना नाम कमाऊं ,
बहुरुपिया बन,ढोल पीटकर ,
अवतारी बन जाऊं l
सोचा ,विश्व गुरु बन जाऊं ….

राजनीति के कुटिल पैतरे ,
सब पर मैं अजमाऊं ,
ट्रम्फ, पुतिन चेले हैं मेरे ,
अब कितना बतलाऊं ,
एक अकेला सब पे भारी ,
ताकतवर कहलाऊं l
इच्छा है ये झोला लेकर ,
निकल कहीं मैं जाऊं l
सोचा ,विश्व गुरु बन जाऊं ….

राम को पी एम आवास

शब्दों के बाण चलाएंगे