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लॉक डाउन की आहट

लॉक डाउन की आहट ने
फिर से  जन्जका दिया
कहते हैं ,मोदीजी ने
वैक्सीन ला दिया …..?
समझ में नही आता मित्रों
ये वैक्सीन है या
थाली,घंटा पीटकर
महामारी की उभारी
खुराफाती  सीन है\

मुआ ,कोरोना जाता ही नहीं
और भी निखर गया
अब तो कई राज्यों में
फिर से बिखर गया
कहते हैं प्रभावी वैक्सीन  है
विज्ञानं भी ठगा सा
दीखता दीन हीन है
आप तो ठहरे भक्त
कहते रहें “वाह क्या सीन है”

बाजा बज गया देश का
बेरोजगारी का समाधान
सत्ता ने खोजा कि,
तलना पकोड़ा नमकीन है
जीडीपी नीचे दूर बहुत दूर है
वे हिन्दू मुस्लिम में उलझाकर
सत्ता मद में चूर हैं
त्रस्त नेता अकल के अजीर्ण से
मन की बात में लीन हैं
देश की सुनते कहाँ
जैसे सारी जनता बुद्धिहीन है

आज के माहौल में
नेता हों या घराना
गिनती के कुल तीन हैं
अमित,आडानी,मोदी
जो गद्दी नशीन हैं
“देश नहीं बिकने दूंगा”
कहकर बेच रहा मुखिया,
इधर एक आडानी दो अम्बानी
देश खरीदने में लीन हैं

कृषक सड़क में है महीनों से
उनकी राह में ठोंकी कीलें
आतंकवादी घोषित हुए अब
खतरे में उनकी जमीन है
पालनहार अन्नदाता
ठिठुरती ठण्ड में
याचक बन गया …
मन की बात करता मुखिया 
दिखता अति ह्रदय हीन है

देश के हर  कारोबार की
बिगड़ चुकी  मशीन है
बिकी बिजली,रेल,बीमा,
बैंक बिकने को खड़ा
ईवीएम वोट लीलकर
लोकशाही हुआ बलहीन है
मद और भक्ति का नशा
इस कदर छा गया,मित्रों …
कि हर भक्त ठहाके लगाता
कह रहा,”वाह क्या सीन है”
वाह क्या सीन है

न्याय व्यवस्था

डालर और रूपया(बघेली)